महावीर जैन धर्म/ MPPSC2020
महावीर जैन धर्म जैन ग्रन्थों के अनुसार समय समय पर धर्म तीर्थ के प्रवर्तन के लिए तीर्थंकरों का जन्म होता है , जो सभी जीवों को आत्मिक सुख प्राप्ति का उपाय बताते है। तीर्थंकरों की संख्या चौबीस ही कही गयी है।भगवान महावीर जैन धर्म के चौंबीसवें (२४वें) तीर्थंकर है। भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 540 वर्ष पूर्व) , वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था।कुण्डलपुर में इक्ष्वाकु वंश के क्षत्रिय राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के यहाँ चैत्र शुक्ल तेरस को हुआ था। ग्रंथों के अनुसार उनके जन्म के बाद राज्य में उन्नति होने से उनका नाम वर्धमान रखा गया था। जैन ग्रंथ उत्तरपुराण में वर्धमान , वीर , अतिवीर , महावीर और सन्मति ऐसे पांच नामों का उल्लेख है महावीर स्वामी की मृत्यु पावा में 72 वर्ष की आयु में 468 ई.पू. में हुई थी। पाँच व्रत · ...