मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग
मध्यप्रदेश राज्य महिला
प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने, महिलाओं के हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने, महिलाओं के प्रति भेदभाव मूलक व्यवस्था, सिथति और प्रावधानों को समाप्त करने हेतु
पहल कर उनकी गरिमा व सम्मान सुनिशिचत करने, हर क्षेत्र में उन्हें विकास के समान अवसर
दिलाने, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं
अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए प्रदेश में राज्य महिला आयोग का गठन किया
गया है ।
मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रथम गठन राज्य सरकार द्वारा दिनांक 23 मार्च 1998 को मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग अधिनियम 1995 (क्र0 20 सन 1996) की धारा 3 के तहत किया गया।
राज्य महिला आयोग
महिलाओं के मित्र, शिक्षक, शुभचिंतक और
संकल्पशील परामर्शदाता के रूप में कार्यरत है । यह आयोग एक संवैधानिक निकाय है
जिसे सिविल अदालत के अधिकार प्राप्त हैं । इस आयोग को सतर्क जांचकर्ता, परीक्षणकर्ता और प्रेक्षक की हैसियत प्राप्त है । आयोग ऐसा अधिकार पूर्ण निकाय
है जिसकी सिफारिशों को सरकार अनदेखा नहीं कर सकती है ।
संरचना |
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आयोग की अध्यक्षा एवं सभी अशासकीय सदस्य विशिष्ट क्षेत्रों
(जैसे सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षा, चिकित्सा, विधि) से मनोनीत किये जाते हैं । |
यह आयोग सात सदस्यीय
है,
मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग का कार्य |
• आयोग निम्नलिखित
समस्त या उनमें से किन्हीं भी कृत्यों का पालन करेगा अर्थात |
निम्नलिखित के संबंध में गहन अध्ययन करना : राज्य की
महिलाओं की आर्थिक, शैक्षणिक तथा
स्वास्थ्य संबंधी सिथति इसमें विशिष्टतया आदिवासी जिलों तथा ऐसे क्षेत्रों पर
विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो महिलाओं की
साक्षरता, मृत्यु-दर तथा
आर्थिक विकास की दृषिट से कम विकसित है । वे परिसिथतियां जिनमें महिलाएं
कारखानों स्थापनाओं, निर्माण स्थलों
तथा वैसी ही अन्य सिथतियों में कार्य करती हैं और उक्त क्षेत्रों में महिलाओं की
प्रासिथति में सुधार हेतु विशिष्ट रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को सिफारिश
करना है । राज्य में या चुने हुए क्षेत्रों में, महिलाओं के विरूद्ध उन समस्त अपराधों की, जिनके अंतर्गत
महिलाओं के विवाह तथा दहेज, बलात्कार, व्यपहरण, अपहरण, छेड़छाड़, महिलाओं के अनैतिक व्यापार से संबंधित मामले तथा
प्रसव करवाने या नसबंदी करवाने के समय चिकित्सीय उपेक्षा या गर्भधारण या शिशु
जन्म से संबंधित चिकित्सीय हस्तक्षेप के मामले आते हैं, समय-समय पर
जानकारी संकलित करना । महिलाओं के प्रति अत्याचारों के विरूद्ध संपूर्ण राज्य
में या विनिर्दिष्ट क्षेत्रों में लोकमत जुटाने के लिए राज्य प्रकोष्ठ और जिला
प्रकोष्ठों, यदि कोर्इ हो, के साथ समन्वय
करना जिससे ऐसे अत्याचारों संबंधी अपराध की शीघ्र रिपोर्ट की जाने तथा पता लगाए
जाने और ऐसे अपराधों के विरूद्ध लोकमत जुटाने में सहायता
मिलेगी। |
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