फुकुशिमा दाइची परमाणु बिजली संयंत्र त्रासदी 2011 जापान


फुकुशिमा दाइची परमाणु बिजली संयंत्र त्रासदी 2011 जापान

11 मार्च 2011 की दोपहर 2:46 (जापानस्थानीय समय) पर शुरू हुई. पूर्वी प्रायद्वीप ओशिका से

70 किलोमीटर दूर रिक्टर पैमाने पर नौ तीव्रता वाला भूकंप उठा. इस भूकंप का केंद्र 24 

किलोमीटर की गहराई पर था. इतने तेज भूकंप ने पूर्वोत्तर जापान को थरथरा दिया. सुनामी

 के चलते बहुत से बिजली घरों में विद्युत उत्पादन ठप हो गया है और जापान में कम से कम दो 

परमाणु बिजलीघरों से रेडियोधर्मी विकिरण का खतरा पैदा हो गया


करीब 20 मिनट बाद सूनामी लहरें उत्तर के होककाइदो और दक्षिण के ओकीनावा द्वीप से 

टकराई और वहां भारी तबाई मची. इसके बाद विशाल सुनामी लहरें फुकुशिमा दाइची परमाणु

 बिजली संयंत्र में घुसीं. परमाणु संयंत्र में समुद्र का नमकीन पानी घुसने से रिएक्टर पिघलने 

लगे और धमाके होने लगे. संयंत्र से भारी मात्रा में रेडियोधर्मी तत्व लीक होने लगे और

 परमाणु विकिरण होने लगा
15,000 से ज्यादा लोग मारे गए. नेशनल पुलिस एजेंसी के मुताबिक 2,000 से ज्यादा लोग आज भी लापता की सूची में हैं.

जापान की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र त्रासदी को 

'मानवजनित आपदा' करार दिया है। साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री नाओतो कॉन सरकार

 की भी कड़ी आलोचना की है। 

फुकुशिमा दुर्घटना की जांच के लिए गठित डायट के फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना स्वतंत्र

 जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है, 'मार्च 2011 में हुई दुर्घटना को 'प्राकृतिक

आपदा नहीं माना जा सकता।' यह पूरी तरह से मानवजनित आपदा थी, जिसके विषय में पहले से ही अनुमान लगाया जा सकता था और अनुमान लगाना चाहिए। इसे रोका जासकता था।'



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मालवा में स्वतंत्र मुस्लिम सल्तनत

मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग

पर्यावरण संरक्षण /जैव विविधता