अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम’ विश्व धरोहर शहरों ग्वालियर और ओरछा

 

अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम विश्व धरोहर शहरों ग्वालियर और ओरछा

07 दिसंबर 2020 मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक किला शहर ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को ने अपने अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्रामके तहत विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया है। राज्य के ग्वालियर और ओरछा को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर शहरों की सूची में शामिल किया गया है। पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञ इसे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। विश्व धरोहर शहरों की सूची में आने के बाद ग्वालियर और ओरछा की शक्ल पूरी तरह से बदल जाएगी। अधिकारी ने बताया कि यूनेस्को अब ग्वालियर और ओरछा के ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर बनाने तथा उसकी खूबसूरती निखारने के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेगा। साल 2021 में यूनेस्को की टीम मध्य प्रदेश आएगी और यहां की धरोहर संपदा को देखकर मास्टर प्लान तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारत और दक्षिण एशिया के लिए एक मिसाल कायम करेगी। इस परियोजना के तहत यूनेस्को इन ऐतिहासिक शहरों के लिए ऐतिहासिक नगरीय परिदृय (एचयूएल) सिफारिशों पर आधारित शहरी विकास के सबसे बेहतर तरीकों और साधनों का पता लगाएगा। अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित ओरछा अपने मंदिरों और महलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। ओरछा पूर्ववर्ती बुंदेला राजवंश की 16 वीं शताब्दी की राजधानी है। ओरछा, राज महल, जहांगीर महल, रामराजा मंदिर, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर एवं कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों और महलों के लिए विख्यात है। वहीं, ग्वालियर भी मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक नगर और प्रमुख शहर है। नौवीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल, कछवाहों तथा सिंधिया राजवंश की राजधानी रहा है। अधिकारी ने कहा कि विश्व धरोहर शहरों की सूची में आने के बाद ग्वालियर के मानसिंह पैलेस, गूजरी महल और सहस्रबाहु मंदिर के अलावा अन्य धरोहरों का रासायनिक रूप से परिशोधन किया जाएगा। इससे दीवारों पर उकेरी गई कला स्पष्ट दिखेगी और उसकी चमक भी बढ़ेगी।

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