लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा
अध्यक्ष, भारतीय संसद के निम्नसदन, लोकसभा का सभापति एवं अधिष्ठाता होता है। उसकी
भूमिका वेस्टमिंस्टर प्रणाली पर आधारित किसी भी अन्य शासन-व्यवस्था के
वैधायिकीय सभापति के सामान होती है। उसका निर्वाचन लोकसभा चुनावों के बाद, लोकसभा की प्रथम बैठक में ही कर लिया जाता है।
वह संसद के सदस्यों में से ही पाँच साल के लिए चुना जाता है। उससे अपेक्षा की
जाती है कि वह अपने राजनितिक दल से इस्तीफा दे दे, ताकि
कार्यवाही में निष्पक्षता बनी रहे। वर्त्तमान लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम
बिरला है, जोकि अपनी
पूर्वाधिकारी, सुमित्रा महाजन के बाद, इस पद पर
आसीन हैं। यह १७वी लोकसभा के अध्यक्ष है लोकसभा अध्यक्ष
का निर्वाचन लोकसभा
अध्यक्ष का निर्वाचन लोकसभा के सदस्यों के द्वारा किया जाता है।
निर्वाचन की तिथि राष्ट्रपति के द्वारा निश्चित की जाती है। राष्ट्रपति के द्वारा निश्चित की गयी तिथि की सूचना लोकसभा का महासचिव सदस्यों को देता है। निर्वाचन की तिथि के
एक दिन पूर्व के मध्याह्न से पहले किसी सदस्य द्वारा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष
चुने जाने का प्रस्ताव महासचिव को लिखित रूप में दिया जाता है। यह प्रस्ताव किसी
तीसरे सदस्य द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। इस प्रस्ताव के साथ अध्यक्ष के
उम्मीदवार सदस्य का यह कथन संलग्न होता है कि वह अध्यक्ष के रूप में कार्य करने
के लिए तैयार है। निर्वाचन के लिए एक या अधिक उम्मीदवारों द्वारा प्रस्ताव किये
जा सकते हैं। यदि एक ही प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मत होता है
और यदि एक से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत होते हैं, तो मतदान
कराया जाता है। मतदान में लोकसभा के सदस्य ही शामिल होकर अध्यक्ष का बहुमत से
निर्वाचन करते हैं। शपथ लोकसभा अध्यक्ष
अन्य लोकसभा सदस्यों की ही तरह एक सदस्य के रूप में शपथ लेता है। उसका शपथ भी
कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा कराया जाता है। कार्यकारी अध्यक्ष सबसे वरीष्ठ सदस्यों
को बनाया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष पद की
शपथ नहीं लेता है।
शक्तियाँ और
कार्य
लोकसभा-अध्यक्ष
लोकसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और सदन के कामकाज का संचालन करता है। वह
निर्णय करता है कि कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं। वह सदन का अनुशासन और
मर्यादा बनाए रखता है और इसमें बाधा पहुँचाने वाले सांसदों को दंडित भी कर सकता
है। वह विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव और संकल्पों, जैसे अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, सेंसर मोशन, को लाने की अनुमति देता है और अटेंशन
नोटिस देता है। अध्यक्ष ही यह तय करता है कि सदन की बैठक में क्या एजेंडा लिया
जाना है। वेतन लोकसभा
अध्यक्ष को राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के समान मासिक वेतन एवं अन्य भत्ते मिलते
हैं। मई, 2002 को संसद
द्वारा पारित एक संशोधन विधेयक के अनुसार यदि लोकसभा के अध्यक्ष की मृत्यु उसके
पद पर रहने की अवधि में ही हो जाती है तो उसके परिवार यानी पति या पत्नी को
पेंशन, आवास और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिला करेंगी।
ध्यातव्य है कि यह सुविधा अब तक राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पदों के लिए ही
थीं। साथ ही लोकसभाध्यक्ष को केन्द्रीय मंत्री के समान भत्ता देने का भी
प्रावधान किया गया है। वेतन 4 लाख अन्य
भत्ते प्रावधान किया गया है। अध्यक्ष का
कार्यकाल अध्यक्ष का
कार्यकाल लोकसभा विघटित होने तक होता है। कुछ स्थितियों में वह इससे पहले भी
पदमुक्त हो सकता है-लोकसभा अध्यक्ष को लोकसभा के प्रभावी बहुमत द्वारा हटाया जा
सकता है। परंतु 14 दिन पहले इसकी सूचना लोक सभा अध्यक्ष को
देनी आवश्यक है। |
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1 |
15 मई 1952 - 27 फ़रवरी 1956 |
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2 |
8 मार्च 1956 - 16 अप्रॅल 1962 |
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3 |
17 अप्रॅल 1962 - 16 मार्च 1967 |
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4 |
17 मार्च 1967 - 19 जुलाई 1969 |
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5 |
8 अगस्त 1969 - 1 दिसंबर 1975 |
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6 |
15 जनवरी 1976 - 25 मार्च 1977 |
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7 |
26 मार्च 1977 - 13 जुलाई 1977 |
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8 |
21 जुलाई 1977 - 21 जनवरी 1980 |
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9 |
22 जनवरी 1980 - 18 दिसंबर 1989 |
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10 |
19 दिसंबर 1989 - 9 जुलाई 1991 |
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11 |
10 जुलाई 1991 - 22 मई 1996 |
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12 |
25 मई 1996 - 23 मार्च 1998 |
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13 |
24 मार्च 1998 - 3 मार्च 2002 |
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14 |
10 मई 2002 - 2 जून 2004 |
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15 |
4 जून 2004 - 30 मई 2009 |
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16 |
4 जून 2009 – 4 जून 2014 |
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17 |
6 जून 2014 – 17 जून 2019 |
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18 |
19 जून 2019 - पदस्थ |
कांग्रेस के बलराम जाखड़ सबसे लंबे समय तक
सेवारत वक्ता, जो ९ साल १० महीने और २७ दिन है।
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